COVID-19 की दवा और 'फर्स्ट मेड इन इंडिया' टेस्टिंग किट के लिए हो जाएं तैयार

COVID-19 की दवा और 'फर्स्ट मेड इन इंडिया' टेस्टिंग किट के लिए हो जाएं तैयार

सेहतराग टीम

फार्मास्युटिकल कंपनी सिप्ला कोविड-19 का इलाज करने के लिए सीएसआईआर-आईआईसीटी (CSIR-IICT) के साथ मिलकर  एंटी-वायरल गुणों के साथ तीन कंपाउंड केमिकल का निर्माण करने के लिए आगे आई है। इसके लिए इसने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी से एक्टिव फार्मा इंग्रीडिएंट्स (APIs) बनाने के लिए मदद मांगी है।

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द हिंदू की खबर के मुताबिक, आईसीटी के निदेशक एस चंद्रशेखर और प्रमुख वैज्ञानिक प्रथम एस मेनकर ने कहा कि सिप्ला के अध्यक्ष वाई के हामिद ने उनसे फेविपिरवीर (Favipiravi), रेमेडिसवीर (Remdesivir) और बालोक्सवीर (Baloxavir) केमिकल कंपाउंड को तैयार करने के लिए कहा था।

आईसीटी वैज्ञानिकों ने लगभग 15 ऐसे कंपाउंड्स के बारे में बताया है जिन्होंने विष विज्ञान (toxicology) पास हुए हैं। इसके अलावा ऊपर बताए गए तीनों कंपाउंड्स इसी श्रेणी (category) में हैं।

IICT ने कहा, पहले दो केमिकल कंपाउंड्स फेविपिरवीर और रेमेडिसवीर - पहले से ही क्लिनिकल टेस्ट से गुजर चुके हैं। इसलिए, हमें उन्हें बनाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि कच्चा माल आसानी से उपलब्ध है। इसे बनाने में 6 से 10 सप्ताह लग सकते हैं। हमने अपनी आधुनिक किलो लैब में वैज्ञानिकों के दो शिफ्टों में काम करने के साथ मॉलिक्यूल्स यानी अणुओं को बनाना शुरू कर दिया है।  बोलैक्सेविर (Baloxavir) अणु को शुरू करने की प्रक्रिया अब शुरू होगी।

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दूसरी खबर- Mylab PathoDetect COVID-19-

Mylab डिस्कवरी सॉल्यूशंस की पहली मेड इन इंडिया Mylab PathoDetect COVID-19 क्वालिटेटिव पीसीआर किट (PCR kit) के क्रिएटर ने पहले बैच की टेस्टिंग किट शिपमेंट की घोषणा की, जो रोज 5,000 टेस्ट सैम्पल्स का परीक्षण कर सकती है।

कोरोनावायरस की जांच करने वाली उसकी ‘मायलैब पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वॉलिटेटिव पीसीआर किट’ को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अनुमति दी है। आईसीएमआर (ICMR) द्वारा किये गए वेलिडेशन टेस्ट में माय लैब पैथो डिटेक्ट ने 100 प्रतिशत परिणाम प्राप्त किए थे।

कंपनी के अनुसार, Mylab PathoDetect COVID-19 क्वालिटेटिव पीसीआर किट (PCR kit) 2.5 घंटे के भीतर स्क्रीन और संक्रमण को डिटेक्ट कर सकती है और टेस्ट के रिजल्ट आने में लगभग 4-7 घंटे लगते हैं।

Mylab Discovery Solutions के कार्यकारी निदेशक और संचालन प्रमुख राहुल पाटिल ने कहा कि, वर्तमान में  Mylab रोज 20,000 सैम्पल्स का टेस्ट करने के लिए किट का उत्पादन कर सकता है। हालांकि विपरीत परिस्थितियों में हर रोज 50000 टेस्ट करने के लिए किट की शिप की क्षमता को बढ़ा सकती है।

मायलैब की प्रत्येक किट से 100 सैंपलों की जांच हो सकती है। इस किट की कीमत 1200 रुपये है, जो विदेश से मंगाए जाने वाली टेस्टिंग किट के 4,500 रुपये की तुलना में बेहद कम है।

इस किट को मायलैब डिस्कवरी की रिसर्च और डेवलपमेंट प्रमुख वायरोलॉजिस्ट मीनल दखावे भोसले ने अपने बच्चे को जन्म देने से महज़ कुछ घंटे पहले तक लगातार काम करके भारत का पहला वर्किंग टेस्ट किट तैयार किया है। मीनल उस टीम की प्रमुख हैं जिसने कोरोना वायरस की टेस्टिंग किट यानी पाथो डिटेक्ट तैयार किया है, वो भी बेहद कम समय में। ऐसी किट को तैयार करने में अमूममन तीन से चार महीने का वक़्त लगता है लेकिन इस टीम ने छह सप्ताह के रिकॉर्ड समय में इसे तैयार कर दिया।

आपको बता दूं कि भारत सरकार के इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मायलैब किट को सही ठहराया है और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के अधीन काम करती है। यही नहीं आईसीएमआर ने कहा कि मायलैब भारत की इकलौती कंपनी है जिसकी टेस्टिंग किट के नतीजे 100 प्रतिशत सही हैं।

 

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